कोई शब्द नहीं मेरे पास जो तुमको बयान करे माँ, लेखनी की बिसात नही जो तुम्हें परिभाषित कोई शब्द नहीं मेरे पास जो तुमको बयान करे माँ, लेखनी की बिसात नही जो तुम...
अब तो हनुमान बनो असंभव को संभव करो। अब तो हनुमान बनो असंभव को संभव करो।
वह पुरुष ही नहीं ,औरत से भी तो छली गई ! वह पुरुष ही नहीं ,औरत से भी तो छली गई !
टमैं उगते हुए सूर्य का प्रकाश हूँ, झिलमिलाती रात हूँ, असीमित आकाश हूँ, लहराती हवा हूँ, बारिश की बूँद... टमैं उगते हुए सूर्य का प्रकाश हूँ, झिलमिलाती रात हूँ, असीमित आकाश हूँ, लहराती हव...
तुम्हारा आकाश तुम्हारा आकाश
व्यर्थ है अंधेरे में अंधेरे से जंग केवल शून्य ले जाओगे अपने संग व्यर्थ है अंधेरे में अंधेरे से जंग केवल शून्य ले जाओगे अपने संग